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नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में आप सभी जानते है | की यह शिवलिंग भगवान भोलेंनाथ के आशीर्वाद स्वरूप माँ नमर्दा के तल से प्राप्त होते है | जो अत्यंत पवित्र और शुभ माने जाते है शास्त्रों में भी नर्मदेश्वर शिवलिंग का उल्लेख मिलता है और पंडित प्रदीप मिश्रा जी भी नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में अपनी कथाओ में बताते है| श्री शिवाय नमस्तुभयम Shree Shivay Namastubhyam
की इस शिवलिंग की घर में स्थापना और पूजा करना सभी प्रकार की समस्याओ से छुटकारा दिलाता है| कहा जाता है की नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से मनुष्यों के पापो का नाश हो जाता है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा विधि || Narmadeshwar shivling ki pooja kaise kare
भगवान भोलेनाथ तो भोले है उन्हें कसी भी प्रकार से पूजा जा सकता है| उन्हें अन्य देवी देवताओ की तरह पूजा सामग्री की जरूरत नही होती और ना ही किसी प्रकार की प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता होती है क्योंकी माँ नर्मदा के तल से निकलने के कारण यह स्वयंभू होते है|
और माँ नर्मदा अपने तल में स्थित भोलेनाथ के स्वरूप नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्वयं पूजा करती है जिसके प्रमाण स्वरूप हमें शिवलिंग के ऊपर तिलक, ॐ, जनेऊ ,त्रिसुल की आकृतिया उभरी हुयी दिखाई देती है| यह शिवलिंग माँ नर्मदा के भगवान के स्वरूप हमें प्राप्त होते है अर्थात नर्मदेश्वर का अर्थ “नर्मदा का ईश्वर ” है|
इस शिवलिंग की स्थापना में किसी प्रकार के मन्त्रो उच्चारण या किसी पंडित की जरूरत नही होती है आप इन्हें सीधे लाकर घर या मदिर में स्थापित कर सकते है|
- सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें और शिवलिंग को किसी बड़े थाल में शिव जी प्रतिमा के आगे रखें।
- सर्वप्रथम शिवलिंग पर जल चढ़ाए फिर दूध, दही, शंकर, शहद से अभिषेक करे और फिर जल से अभिषेक करे।
- शिवलिंग पर चन्दन ,चावल ,पुष्प और बेलपत्र चढ़ायें।
- इसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा के आगे बेलपत्र और नैवेद्य अर्पित करें।
- उसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने के बाद भगवान भोले नाथ से हाथ जोड़कर प्रार्थना करे की भोले नाथ आप हम पर सदा अपना आशीर्वाद बनाये रखना।
नर्मदेश्वर शिवलिंग कहाँ मिलता है || Narmadeshwar shivling kaha milta hai
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ओरिजिनल नर्मदेश्वर शिवलिंग केवल माँ नर्मदा के तल से प्राप्त होते है | जो केवल मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के बकावां गांव में मिलते है| जिनको माँ नर्मदा के तल से निकाल कर मशीनों द्वारा तरास कर शिवलिंग का रूप दिया जाता है|
बकावां में शिवलिंग 1 इंच से लेकर 15 फिट तक के शिवलिंग मिलते है| जो कारीगरों द्वारा माँ नर्मदा के तल से सभी कलर और साइज़ के शिव स्वरूप पत्थरों को निकाल कर शिवलिंग के आकार का शेप दिया जाता है| पहले यह पत्थर पूर्ण अंडाकार रूप में माँ नर्मदा से प्राप्त होते थे|
परन्तु नर्मदा में बांधों का निर्माण होने से यह शिवलिंग पूरी तरह अंडाकार नही होते है इसलिए इन्हें मशीनों द्वारा अंडाकार रूप दिया जाता है जिनको आसानी से जलधारी पर स्थापित किया जा सकता है|
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नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में रख सकते है || narmadeshwar shivling ghar me rakhna chahiye
जैसा की आप सभी जानते है की शिवलिंग भगवान भोलानाथ का साक्षात् स्वरूप है| जिनको हम घर,मन्दिर या ऑफिस में स्थापित कर सकते है नर्मदेश्वर शिवलिंग की घर में स्थापना करने से सुख-शांति और सम्रद्धि अति है तथा माता लक्ष्मी का स्थाई वास हो जाता है
यदि आप ऑफिस में शिवलिंग स्थापित करते है तो आपके काम में तरक्की होगी और रुके हुए काम बनने लगेगे क्युकी भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने का सबसे सीधा और आसान उपाय नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा स्थापना है